हिन्दू धर्म मे तुलसी को बहुत ही महत्वपूर्ण और पूज्यनीय मान जाता है तुलसी मे अनेक गुण होते है हर घर में तुलसी का पौधा होना बहुत ही शुभ माना जाता है तुलसी में बहुत औषधिक गुण भी होते है भगवान की पूजा तथा प्रसाद मेंें तुलसी का प्रयोग बहुत शुभ होता है हर साल देवोत्थान वाले दिन सब लोग अपने घरों में तुलसी तथा सालिग्राम का विवाह करते हैं आइये जानेते हैं तुलसी विवाह की कथा - Tulsi vivah ki katha

तुलसी विवाह की कथा - Tulsi vivah ki katha
एक बार भगवान विष्णु से उनकी प्रिया लक्ष्मी जी ने आग्रह के भाव में कहा- हे भगवान, अब आप दिन रात जागते हैं। लेकिन, एक बार सोते हैं,तो फिर लाखों-करोड़ों वर्षों के लिए सो जाते हैं। तथा उस समय समस्त चराचर का नाश भी कर डालते हैं। इसलिए आप नियम से विश्राम किया कीजिए। आपके ऐसा करने से मुझे भी कुछ समय आराम का मिलेगा।
लक्ष्मी जी की बात भगवान को उचित लगी। उन्होंने कहा, तुम ठीक कहती हो। मेरे जागने से सभी देवों और खासकर तुम्हें कष्ट होता है। तुम्हें मेरी सेवा से वक्त नहीं मिलता। इसलिए आज से मैं हर वर्ष चार मास वर्षा ऋतु में शयन किया करुंगा। मेरी यह निद्रा अल्पनिद्रा और प्रलयकालीन महानिद्रा कहलाएगी।यह मेरी अल्पनिद्रा मेरे भक्तों के लिए परम मंगलकारी रहेगी। इस दौरान जो भी भक्त मेरे शयन की भावना कर मेरी सेवा करेंगे, मैं उनके घर तुम्हारे समेत निवास करुंगा।
सब कोऊ चली डोली पालकी रथ जुडवाये के ।।
साधु चले पाँय पैया, चीटी सो बचाई के ।
मगन भई तुलसी राम गुन गाइके ।।
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