हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार शादियों में गौरी पूजन का महत्व होता है, लड़की अपनी शादी से एक दिन पहले माता गौरी (पार्वती ) से अपने आने वाले वैवाहिक जीवन के लिए कामना करती है, आईये जानते हैं - शादी में गौरी पूजन का महत्व - Shaadi Me Gauri Poojan Ka Mahtwa

शादी में गौरी पूजन का महत्व - Shaadi Me Gauri Poojan Ka Mahtwa
इस पूजा का महत्व माता सीता के समय से है माता सीता ने भगवान श्रीराम को वर रूप में प्राप्त करने के लिए महागौरी की पूजा की थी। यह देवी अखंड सौभाग्य व अखंड सुख देने वाली हैं जब माता सीता ने श्री राम को वन में देखा तब वह अपनी सखियों के साथ माता गोरी का पूजन करने जा रही थी तब माता सीता ने इस प्रकार माँ गौरी से प्रार्थना की तब माता गौरी प्रसन्न हुए और सीता की मनोकामना पूरी की इसलिए विवाह से पहले हर लड़की अपने कुशल जीवन के लिए माता गौरी की पूजा अर्चना करती है -
मांं गौरी आरती लिरिक्स - Gauri Maa Aarti Lyrics
Jai Jai Giriraj Kishori
Jai Mahesh Mukh Chand Chakori
जय जय गिरिराज किशोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी।।
जय गजबदन षडानन माता।
जगत जननि दामिनी दुति गाता।।
देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि जन होहिं सुखारे।।
मोर मनोरथ जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबही कें।।
कीन्हेऊँ प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं।।
बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मुरति मुसुकानि।।
सादर सियँ प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गैरी हरषु हियँ भरेऊ।।
सुनु सिय सत्य असीस हमारी।।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।
नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा।।
कीन्हेऊँ प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं।।
बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मुरति मुसुकानि।।
सादर सियँ प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गैरी हरषु हियँ भरेऊ।।
सुनु सिय सत्य असीस हमारी।।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।
नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा।।
गौरी पूजन विधि - Gauri Puja Vidhi
हमारे हिन्दू धर्म में सबसे पहले गौरी पुत्र गणेश को पूज्यनीय माना जाता है सर्वप्रथम गणेश जी को रोली , चावल से तिलक लगाकर गणेश जी की वंदना करनी चाहिए गणेश वंदना के बाद भगवन गणेश को लड्डू से भोग लगते है क्यूंंकि भगवान् गणेश को लड्डू बहुत प्रिय है उसके बाद माता गौरी का पूजा करते है माता गौरी के पूजा के लिए माता के स्नान के लिए तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, जल का कलश, दूध, माता को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र व आभूषण चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, अष्टगंध गुलाब के फूल एक फूल माला प्रसाद के लिए फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, शक्कर, इस सब से माता गोरी (पार्वती ) का पूजन तथा गौरी की स्तुति करना चाहिए जिससे माता गौरी प्रसन्न हो और आपको आने वाले वैवाहिक जीवन के लिए आर्शीवाद दें
माँ गौरी पूजन मंत्र - Gauri Puja Mantra
“सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥”
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
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