16 श्रृंगार (Solah Singar) सौम्यता तथा प्यार का प्रतीक माना जाता 16 श्रृंगार (Solah Singar) सभी विवाहित स्त्रियों के लिए आनिवार्य होते है 16 श्रृंगार (Solah Singar) में से कुछ ऐसे श्रृंगार हैं जिन्हें सिर्फ विवाहित स्त्रियां ही धारण कर सकती हैं. परन्तु कुछ श्रृंगारों को कुंवारी लडकियां भी धारण कर सकती हैं आइये जानते है कौन कौन से हैं 16 श्रृंगार -What is Solah Singar And Their importance

सोलह श्रृंगार क्या है और उनका महत्व - Solah Singar Kya Kai Aur Unka Mahatva
हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है की शादी के बाद है स्त्री को 16 श्रृंगार करने चाहिए हमारे शास्त्रों में स्त्रीयों को देवी का स्वरूप बताया गया है तथा स्त्रियों के लिए हमारे शास्त्रों में सोलह श्रृंगार बताये गए है इसलिए ऐसा माना जाता है की 16 श्रृंगार की हुए स्त्री देवी लक्ष्मी का स्वरूप होती है इन श्रंगारों के बिना स्त्री का विवाहित जीवन अधूरा माना जाता है 16 श्रंगार को धारण करने के पीछे बहुत बड़ा रहस्य है सोलह श्रृंगार सौंदर्य की परिपूर्णता है-
- बिंदी
- सिंदूर
- काजल
- चूड़िया या कंगन
- मेहंदी
- शादी का जोड़ा
- गजरा
- नथ
- मंगलसूत्र
- महावर
- बाजूबंद
- अंगुठी
- कमरबंद
- कानों के कुंडल
- बिछुया
- पायल
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