16 श्रृंगार- मंगलसूत्र (Mangalsutra) महिलाओं के श्रृंगार में मंगलसूत्र (Mangalsutra) का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है मंगलसूत्र (Mangalsutra) को एक डोरी में एक सोने का पेंडल तथा काले मोती डाल कर बनया जाता है जिसको शादी में फेरों के वक्त वर वधु के गले में पहनाता है ऐसा मान जाता है की मंगलसूत्र (Mangalsutra) सुखी वैवाहिक जीवन का प्रतीक मान जाता है आइये जानते है मंगलसूत्र का महत्व Importance of Mangalsutra in 16 Shringar
16 श्रृंगार - मंगलसूत्र का महत्व - Importance of Mangalsutra - 16 Shringar
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महिलाओं के श्रृंगार में मंगलसूत्र (Mangalsutra) का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है मंगलसूत्र (Mangalsutra)को एक डोरी में एक सोने का पेंडल तथा काले मोती डाल कर बनया जाता है जिसको शादी में फेरों के वक्त वर वधु के गले में पहनाता है ऐसा मान जाता है की मंगलसूत्र (Mangalsutra) सुखी वैवाहिक जीवन का प्रतीक मान जाता है महिलाओं का सबसे अहम् गहना मंगलसूत्र माना जाता है मंगलसूत्र (Mangalsutra) सभी महिलाओं के विवाहित होने का प्रतीक होता है ऐसा मान जाता है की सदियों पहले मंगलसूत्र के नाम पर शादी के दौरान हल्दी से लेप किया हुआ धागा पहनाया जाता था जिसे वर द्वारा वधु को पंडित जी मंत्रों उच्चारण करते समय पहनाया जाता था मंगलसूत्र को बांधते समय पति द्वारा तीन पक्की गांठ बांधी जाती है यह गांठ दोनों के अटूट रिश्ते का प्रतीक मानी जाती है
पुराने समय में ऐसी प्रथा थी की मंगलसूत्र(Mangalsutra) बांधते समय केवल पहली गांठ पति बांधता है और बाकी दो गांठें वर की बहन द्वारा बांधी जाती थी लेकिन आज की दौर में बहुत बदलाव हो गया है ऐसा कहा कि मंगलसूत्र का सोने काभाग माता पार्वती को और उसमें लगी हुईं काली मोतियां भगवान शिव को दर्शाती हैं सभी धर्म में माता पार्वती और भगवान शिव के वैवाहिक जीवन को सबसे उत्तम समझा जाता है इसलिए हर शादी शुदा जोड़ा यही कामना करता है की उनका रिश्ता भी शिव-पार्वती की तरह पवित्र और सफल हो मंगलसुत्र वर के परिवार की ओर से वधु के लिए जाया जाता है लाया जाता है शादियों में मंगलसूत्र पहनाने की परम्परा सदियों पुरानी है इसलिए आजभी वर के यहां से ही मंगलसूत्र (Mangalsutra) का चुनाव् किया जाता है मंगलसूत्र (Mangalsutra) के काले मोती औरत को बुरी नजर से बचाते है ऐसी मान्यता है कि सोना गुरु का प्रतीक होता है तथा काले मोती शनि का प्रतीक है जो सु खी वैवाहिक जीवन होने की निशानी होते है लेकिन आज कल फैशन के दौर में समय -सयम पर इसकी डिजाइन आज की पीढ़ी को ध्यान में रखकर बदलती जाती है
पुराने समय में ऐसी प्रथा थी की मंगलसूत्र(Mangalsutra) बांधते समय केवल पहली गांठ पति बांधता है और बाकी दो गांठें वर की बहन द्वारा बांधी जाती थी लेकिन आज की दौर में बहुत बदलाव हो गया है ऐसा कहा कि मंगलसूत्र का सोने काभाग माता पार्वती को और उसमें लगी हुईं काली मोतियां भगवान शिव को दर्शाती हैं सभी धर्म में माता पार्वती और भगवान शिव के वैवाहिक जीवन को सबसे उत्तम समझा जाता है इसलिए हर शादी शुदा जोड़ा यही कामना करता है की उनका रिश्ता भी शिव-पार्वती की तरह पवित्र और सफल हो मंगलसुत्र वर के परिवार की ओर से वधु के लिए जाया जाता है लाया जाता है शादियों में मंगलसूत्र पहनाने की परम्परा सदियों पुरानी है इसलिए आजभी वर के यहां से ही मंगलसूत्र (Mangalsutra) का चुनाव् किया जाता है मंगलसूत्र (Mangalsutra) के काले मोती औरत को बुरी नजर से बचाते है ऐसी मान्यता है कि सोना गुरु का प्रतीक होता है तथा काले मोती शनि का प्रतीक है जो सु खी वैवाहिक जीवन होने की निशानी होते है लेकिन आज कल फैशन के दौर में समय -सयम पर इसकी डिजाइन आज की पीढ़ी को ध्यान में रखकर बदलती जाती है
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