देवी दुर्गा के नौ रूप होते है उनमे सबसे प्रथम माँ शैलपुत्री की उपासना की जाती है इनकी आराधना से हम सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते है माँ शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए ये मन्त्र जाप करें इस मंंत्र के जाप से माता प्रसन्न होंगी -
नवरात्री - माता शेलपुत्री का मंत्र और आरती- Navratri-Mata Shailputri ka mantr or Aarti
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्राद्र्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥
अर्थात- देवी वृषभ पर विराजित हैं। शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है। यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है। नवरात्रि के प्रथम दिन देवी उपासना के अंतर्गत शैलपुत्री का पूजन करना चाहिए और आरती का गानी चाहिए इसकर प्रभाव से माँ शैलपुत्री प्रसन्न होती है और अपने भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं
शैलपुत्री मां बैल असवार | करें देवता जय जय कार ||
शिव-शंकर की प्रिय भवानी | तेरी महिमा किसी ने न जानी ||
पार्वती तूं उमा कहलावे | जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें ||
रिद्धि सिद्धि परवान करे तू || दया करे धनवान करे तू ||
सोमवार को शिव संग प्यारी | आरती जिसने तेरी उतारी ||
उसकी सगरी आस पुजा दो | सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो ||
घी का सुंदर दीप जला के | गोला गरी का भोग लगा के ||
श्रद्धा भाव से मंत्र जपायें | प्रेम सहित फिर शीश झुकायें ||
जय गिरराज किशोरी अम्बे | शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे ||
मनोकामना पूर्ण कर दो | चमन सदा सुख संम्पति भर दो
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