अलग-अलग संस्कृति के लोग अपनी शादी में अपने तरीके से रस्में तथा रीती रिवाज़ करते हैंं शादी की रस्मे कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती हैंं और बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है उनमे से एक रस्म है शादियों में रतजगा की रस्म रतजगा की उस रात को घर की सभी महिलाए मिलकर रतजगा तथा तेल के गीत गाती है रतजगा में कई प्रकार के गीत गाये जाते है सबसे पहले सभी देवताओं का पूजा किया जाता है तथा गीत गया जाता है वो इस प्रकार है
शादियों में रतजगा के गीत - Shadiyon main Ratjaga Ke Geet
रतजगा में देवी -देवताओं का गीत
पांच पतासे पाना का बिडला, ले गणेश जी पर जाइयो जी,
जिस डाली हमारे गणेश जी बैठे, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा
वा डाली फल लाइयो जी
पांच पतासे पाना का बिडला, ले पितरां पे जाइयो जी,
जिस डाली हमारे पितर बैठे, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा
वा डाली फल लाइयो जी
पांच पतासे पाना का बिडला, ले देवी पे जाइयो जी,
जिस डाली हमारी देवी बैठी, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा
वा डाली फल लाइयो जी
पांच पतासे पाना का बिडला, ले हनुमत पे जाइयो जी,
जिस डाली हमारे हनुमत बैठा, वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा
वा डाली फल लाइयो जी
पांच पतासे पाना का बिडला, ले माता वारली पे जाइयो जी
जिस डाली हमारे बारली बैठी, वा डाली झुक जाइयो जी,
वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा,
वा डाली फल लाइयो जी
पांच पतासे पाना का बिडला, ले श्याम जी पे जाइयो जी
जिस डाली हमारे श्याम जी बैठा, वा डाली झुक जाइयो जी
वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा,
वा डाली फल लाइयो जी
पांच पतासे पाना का बिडला, ले खेतरपाल प जाइयो जी
जिस डाली हमारे देवता बैठे , वा डाली झुक जाइयो जी
वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा,
वा डाली फल लाइयो जी
पांच पतासे पाना का बिडला, ले भूले बिसरा पर जाइयो जी
जिस डाली हमारे भूले बिसरे बैठे, वा डाली झुक जाइयो
वा डाली झुक जाइयो रे मनुवा,
वा डाली फल लाइयो जी
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