शादियों में रतजगा की रस्म के बारे में हम आपको पहले बता चुके है उस रात को कई प्रकार के गीत गाये जाते है उनमे हल्दी,मेहदी तथा तेल के गीत भी होते है रतजगा की रात को घर की सभी महिलाए मिलकर लोक गीत गाती है लड़के की शादी में सतिये छाबरिया ततः लड़की की शादी में मेंहदी से बूंद रचाते है रतजगा की रात को गीत गाने का बाद सभी महिलाओं को मेंहदी बांटी जाती है आइये देखते है तेल के कुछ गीत
शादियों में रतजगा तथा मेंहदी के गीत - Shadiyon Main Ratjaga Tatha Menhadi ke Geet
देवर के पिछवारे बारी लाल ,राचन मेंहदी किन्ने बाई मेरे लाल
बेधन सूट न जाय बरी लाल , जिनके बिछुआ बाजने मेरे लाल
सिन बिछुआ की झनकार बारी लाल , सोवत देवर जागिये मेरे लाल
बेधन हमें भी बताय बारी लाल,जिनके बिछुआ बजने मेरे लाल
बेधन गई प्यौसार बारी लाला , बिछुआ गए सुनार के मरे लाल
धमक गए असवार बारी लाल , भाभी को लेने वो चले मेरे लाला
तू मेरी माय कु माय बारी लाला , देवर संग ना भेजियो मेरे लाला
तू मेरी धीय कुधीय बारी लाला , आये सजन ना फेरिये मेरे लाल
पहुंची है कोस पचास बारी लाला , देवर जुलम गुजरिये मेरे लाल
पहुची है ससुर दरबार बरी लाला , मोटू बट रहे जेवरी मेरे लाल
तू मेरी नाऊ कु नाऊ बारी लाला ,देवर जुलम गुजरिये मेरे लाल
आने दे बैसाख बारी लाल ,खेत बुलावे जोंडारी मेरे लाल
उनकी धन सोचन जाय बरी लाल ,अदले को हम कर मेरे लाल
वर बहु तुम जेठ बारी लाल , ऐसे वचन ना बोलिए मेरे लाल
तुम धन बारे की छिनार बरी लाला , मेरी वीरान कछु जानिए मेरे लाला
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